Taboo 3 (1984) Movie Review in Hindi:
"Taboo 3" एक 1984 में रिलीज़ हुई इरोटिक ड्रामा फिल्म है, जिसे जेम्स रेनार्ड द्वारा डायरेक्ट किया गया है। यह फिल्म, Taboo सीरीज़ की तीसरी कड़ी है, जो अपनी कंट्रोवर्सी और इरोटिक सामग्री के लिए जानी जाती है। फिल्म का मुख्य विषय एक परिवार के बीच होने वाले प्रेम और यौन संबंधों के इर्द-गिर्द घूमता है।
कहानी: फिल्म की कहानी एक युवा लड़की के जीवन पर केंद्रित है, जो अपने परिवार के साथ बड़े हो रही होती है और धीरे-धीरे अपने पिता के साथ यौन संबंधों में उलझ जाती है। इस फिल्म में यौन आकर्षण, रिश्तों के बीच की सीमा और परिवारिक संबंधों को नकारात्मक तरीके से दर्शाया गया है। फिल्म में उन विषयों पर चर्चा की गई है, जो समाज में अक्सर अव्यक्त होते हैं, जैसे कि टैबू, यौन हिंसा और मानसिक संघर्ष।
अदाकारी: इस फिल्म में अभिनय करने वाले कलाकारों की अदाकारी मुख्य रूप से फिल्म के विषय और दृश्य की विशेषताओं से मेल खाती है। अधिकतर अभिनेत्रियाँ और अभिनेता अपनी भूमिकाओं में सहज दिखाई देते हैं, लेकिन क्योंकि यह एक इरोटिक फिल्म है, अभिनय का स्तर उतना गहरा नहीं है जितना एक गंभीर ड्रामा फिल्म में होता।
निर्देशन और तकनीकी पक्ष: "Taboo 3" को उसकी इरोटिक और गहन दृश्यावलियों के लिए पहचाना जाता है, जो कभी-कभी दर्शकों को असहज भी कर सकते हैं। निर्देशक ने इस फिल्म में यौन संबंधों को एक अलग रूप में प्रस्तुत किया है। इसका उद्देश्य दर्शकों को विचलित करना और समाज के छिपे पहलुओं को सामने लाना था।
संगीत: फिल्म का संगीत न तो बहुत खास है और न ही कुछ खास छाप छोड़ता है। हालांकि, इसे फिल्म के माहौल के हिसाब से ठीक से चुना गया है।
निष्कर्ष: "Taboo 3" एक फिल्म है जो समाज में मौजूद कुछ संवेदनशील और विवादास्पद विषयों को उठाती है। यह निश्चित रूप से उन दर्शकों के लिए है जो इरोटिक फिल्में पसंद करते हैं और यौन विषयों पर आधारित फिल्मों में रुचि रखते हैं। हालांकि, यह फिल्म बहुत सीमित दर्शक वर्ग के लिए उपयुक्त है, और यह उन लोगों को आपत्ति उत्पन्न कर सकती है जो अधिक पारंपरिक सिनेमा पसंद करते हैं।
कुल मिलाकर: "Taboo 3" को एक विशिष्ट और विवादास्पद फिल्म के रूप में देखा जा सकता है, जो यौन संबंधों और परिवारिक टैबू को बड़े ही बेतकल्लुफ़ तरीके से पेश करती है।
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